जय शंकर पाण्डेय
देवरीखुर्द।देवरीखुर्द से सटे इलाकों में अभी से पानी की समस्या होने लगी है। मार्च के शुुरुआत में यह हाल है तो अप्रैल और मई में क्या होगा। पिछले साल शहर में ग्राउंड वाटर साढ़े तीन सौ फीट नीचे चला गया था। जबकि दस साल पहले ग्राउंड वाटर डेढ़ सौ फीट में ही मिल जाता था। इस साल पानी की समस्या और भी गहराएगी। देवरीखुर्द हाउसिंग बोर्ड कालोनी और वार्ड नंबर 17 -18 में पानी की समस्या अभी से होने लगी है। इन समस्याओं को लेकर ग्रामीण जिलाधीश कार्यालय जाने की तैयारी में है ।
इस साल बारिश नहीं हाेने से जिले में सूखे की स्थिति रही। इसका असर अब गर्मी में भी देखने को मिलेगा। अभी से विशेषज्ञों के कान खड़े हो गए हैं। आम तौर पर भूजल विभाग साल में चार बार, जनवरी, मई, अगस्त और दिसंबर में कुओं से वाटर लेवल की माप करता है। इसी आधार पर ही शहर और उसके आसपास के वाटर लेवल की गणना होती है। इस साल पानी की भयावह स्थिति को देखकर ही भूजल विभाग ने बिल्हा, तखतपुर ब्लॉक के गांवों को संवेदनशील की श्रेणी में रखा है। विशेषज्ञों ने माना है कि इन इलाकों में पानी की समस्या बेहद गंभीर होगी। लोगों को अभी से घरों में पानी संरक्षण के उपाय करने को कहा गया है।
चेकडेम से पानी छोड़ने पर वाटर लेवल होता है प्रभावित
देवरीखुर्द में पानी की समस्या को लेकर यहाँ के ग्रामीण नेता कलेक्टोरेट पहुंचे थे उनकी मांग थी कि चेकडेम से पानी न छोड़े लेकिन पंचायत में जल आपूर्ति व्यवस्था पर चर्चा नही हुई ।
एक्सपर्ट की राय
सूखे की स्थिति के कारण इस बार बिल्हा और तखतपुर ब्लाॅक के कई गांवों में पानी की समस्या अा सकती है। सूखे की स्थिति के कारण पानी की समस्या से निपटने के लिए पानी का संरक्षण ही एक उपाय है। लोगों को अपने घरों के पास पानी संरक्षण के लिए कदम उठाने चाहिए।
-नितीन मेश्राम, विशेषज्ञ अधिकारी, भूजल विभाग, बिलासपुर
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देवरीखुर्द जल संकट