बिलासपुर।शहर से लगे इलाको में अवैध कॉलोनी का धंधा फलने-फूलने लगा है। पूर्व में कोई कठोर कार्रवाई नहीं होने के कारण अवैध कॉलोनी विकसित करने वाले कॉलोनाइजरों के हौंसले भी बुलंद हो चले हैं। सर्वसुविधायुक्त कॉलोनी के नाम पर शासन व आमजन को सीधा चूना लगाया जा रहा है। जिला प्रशासन के आला अधिकारियों और अधिकतर छोटे कर्मचारियो के चलते ऐसी स्थिति निर्मित हुई है बिलासपुर के करीब सकरी और उसलापुर में अवैध प्लाटिंग का खेल जोरो पर है लोगो का आरोप है कि यहाँ के पटवारी रूपेश गुरुदिवाँन और अमेरी के पटवारी सुरेश ठाकुर के द्वारा अवैध प्लाटिंग की रिपोर्ट न देने के कारण भू माफ़ियाओं और अवैध प्लाटिंग करने वालो को ऐसा करने में सहयोग मिला है।मिली जानकारी के अनुसार ये पटवारी आम जनता के कार्यो पर ध्यान नही देते जिसके चलते स्थानीय लोगो को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है इधर इनके द्वारा भू माफियाओ और रसूखदारों को ज्यादा प्राथमिकता देने की बात सामने आई है । आप को बता दें कि उसलापुर इलाके में अवैध प्लाटिंग की बाढ़ सी आ गई है मगर जिला प्रशासन का ध्यान इस ओर बिल्कुल भी नही है पटवारी हल्का से संबंधित ग्रामों में पटवारी प्रतिवेदन तक देने में आनाकानी कर रहे है,,,,इसी वजह से अवैध प्लाटिंग में कार्यवाही नही हो पा रही है,
जानकारी के मुताबिक पूर्व में स्थानीय प्रशासन द्वारा अवैध कॉलोनाइजरों को दिए नोटिस पर सख्त कार्रवाई नहीं होने के कारण एक बार फिर इलाके में अवैध कॉलोनी का व्यापार गति पकडऩे लगा है।खास कर उसलापुर आमेरी में कुछ लोगों द्वारा छोटे-छोटे भूखंड खरीदकर बिना किसी अनुमति डायवर्शन के प्लाटों की बिक्री की जा रही है। अगर इन प्लाट विक्रेताओं पर सख्ती की जाए तो प्रशासन को लाखों रुपए का राजस्व मिलेगा, साथ ही इलाके की भी समस्याओं का निराकरण होगा। क्योंकि इन लोगों द्वारा अवैध कॉलोनी तो बेच दी जाती है लेकिन बाद में खरीदारों को कॉलोनी संबंधी सुविधा स्थानीय पंचायत को मुहैया करवाना पड़ती है। इस इलाके में अवैध प्लाटिंग का खेल बदस्तूर जारी है आप को बता दें कि इलाके में कुछ कॉलोनी को छोड़ अधिकतम अवैध है। इनमें आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। लोगों को सड़क, नाली, बिजली जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है।
जानकारी के मुताबिक पूर्व में स्थानीय प्रशासन द्वारा अवैध कॉलोनाइजरों को दिए नोटिस पर सख्त कार्रवाई नहीं होने के कारण एक बार फिर इलाके में अवैध कॉलोनी का व्यापार गति पकडऩे लगा है।खास कर उसलापुर आमेरी में कुछ लोगों द्वारा छोटे-छोटे भूखंड खरीदकर बिना किसी अनुमति डायवर्शन के प्लाटों की बिक्री की जा रही है। अगर इन प्लाट विक्रेताओं पर सख्ती की जाए तो प्रशासन को लाखों रुपए का राजस्व मिलेगा, साथ ही इलाके की भी समस्याओं का निराकरण होगा। क्योंकि इन लोगों द्वारा अवैध कॉलोनी तो बेच दी जाती है लेकिन बाद में खरीदारों को कॉलोनी संबंधी सुविधा स्थानीय पंचायत को मुहैया करवाना पड़ती है। इस इलाके में अवैध प्लाटिंग का खेल बदस्तूर जारी है आप को बता दें कि इलाके में कुछ कॉलोनी को छोड़ अधिकतम अवैध है। इनमें आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। लोगों को सड़क, नाली, बिजली जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है।