छत्तीसगढ़ लोकसभा चुनाव: टिकट वितरण से भाजपा में असंतोष, कांकेर व जांजगीर में बगावत

बिलासपुर/रायपुर आगामी लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा ने छत्तीसगढ़ के 5 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए। लेकिन इसी के साथ छत्तीसगढ़ भाजपा में असंतोष सामने आ गया है। कुछ नेता खुलकर बगावत कर रहे हैं। कांकेर और जांजगीर में सार्वजनिक रुप से पार्टी नेता बागी बन गए हैं। कांकेर में जहां पूर्व विधायक सुमित्रा मरकोले ने नामांकन फॉर्म खरीदते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की, वहीं जांजगीर में मौजूदा सांसद के बेटे ने सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाली है।
भाजपा ने छत्तीसगढ़ के सभी 10 सांसदों की टिकट काटकर नए प्रत्याशियों को मौका देने का फैसला किया। लेकिन इस फैसले ने भाजपा को परेशानी में ला खड़ा किया है। पार्टी ने कांकेर से मोहन मंडावी और जांजगीर से गुहाराम अजगल्ले को प्रत्याशी बनाया। इसके बाद अन्य दावेदार खुलकर बगावत पर उतर आए हैं।
कांकेर से विधायक रहीं सुमित्रा मरकोले ने भाजपा से बगावत करते हुए लोकसभा के लिए नामांकन फॉर्म खरीदा है। पूर्व विधायक ने पार्टी पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा है कि वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगी। दरअसल सुमित्रा मरकोले पिछले लोकसभा और बीते विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिए जाने से नाराज चल रही है। इस बार भी उन्होंने दावेदारी की थी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने बागी तेवर दिखाए हैं। इससे छत्तीसगढ़ भाजपा में खलबली मच गई है और पार्टी के बड़े नेता अब मरकोले से संपर्क कर उन्हें मनाने में जुटे हैं।
इसी तरह जांजगीर में भी असंतोष सामने आया है। यहां की मौजूदा सांसद कमला देवी पाटले के पुत्र प्रदीप पाटले ने सोशल मीडिया पर खुलकर पार्टी के विरोध में पोस्ट लिखा है। प्रदीप पाटले ने बाहरी प्रत्याशी का मामला उठाते हुए पार्टी आलाकमान पर तंज कसा और सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया। प्रदीप पाटले ने लिखा कि विधानसभा में हार का ठिकरा सभी 10 सांसदों पर फूटा है, लेकिन जिनपर चुनाव की जिम्मेदारी थी, उन्हें छोड़ दिया गया।

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