सक्ति। जिले के बाराद्वार जैजैपुर क्षेत्र में लगातार हो रहे अवैध खनिज उत्खनन की दुर्गंध प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच चुकी है लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा में में कारवाई करने पसीने छूट रहे हैं, स्पष्ट है कि खनन माफियाओं के सामने बेबस अधिकारी महज बौना बनकर अपना दिन गिन रहे है।
गौरतलब है की बाराद्वार अंतर्गत खमहरिया, अकलसरा, डुमरपारा जैसे कई गांवों में खनन माफिया द्वारा अवैध खनिज उत्खनन किया जा रहा है जिससे शासन को राजस्व की भारी क्षति हो रही है। मामले की शिकायत जिला खनिज शाखा से लेकर क्षेत्रीय कार्यालय तथा विभागीय मंत्रालय तक किया गया है।
कुछ हफ्ते पहले ही डीजीएमएस के केंद्रीय जांच दल द्वारा ऑनलाइन शिकायत एवं लिखित शिकायत पर खनिज अधिकारी एवं शिकायतकर्ताओं सहित संयुक्त टीम के द्वारा जिसमें पटवारी, आरआई व कोटवार पति की मौजूदगी में पंचनामा तैयार किया गया जिसमे डोलोमाइट का अवैध खनिज उत्खनन सही पाया गया और अगले ही रात्रि को तत्कालीन जिला कलेक्टर का ट्रांसफर हो गया। इस गंभीर मामले में विभाग द्वारा एफआईआर दर्ज कराना था लेकिन महज खाना पूर्ति तक सीमित रहा।
केंद्रीय जांच दल के द्वारा जांच करने के दौरान अकलसरा गांव के कोटवार पति से एक पत्रकार के द्वारा पूछा गया कि रास्ते के दोनो छोर पर उनके जमीन पर जो अवैध डोलोमाइट का उत्खनन किया गया वह किनके द्वारा किया गया, जवाब में कोटवार पति मनोहर दास ने कहा की क्षेत्र के ऋषि महराज के द्वारा खाली जमीन को खेत बनाने के नाम पर खनन किया गया जिसकी जानकारी मुझे नही दिया गया और अब उसे राखड़ और मिट्टी से पाट रहे हैं। यहां ये जानना जरूरी है की ऋषि महराज यानी ऋषि राय है जिसका खौफ बाराद्वार थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 0024 में देखा जा सकता है। यदि इस मामले में जांच हुई तो अवैध डोलोमाइट उत्खनन में सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हुआ देखने को मिलेगा।
कार्यालय कलेक्टर के खनिज शाखा में एक और शिकायत प्रस्तुत किया गया है जिसमे पत्र क्रमांक 21/ख/शि/24 में रकबा खसरा सहित स्पष्ट रूप से डोलोमाइट अवैध उत्खनन का पूर्ण विवरण दिया गया है। इस मामले में भी किसी प्रकार का कोई कारवाई नही किया गया है।
अवैध खनिज उत्खनन और भंडारण की लगातार शिकायत जिला से लेकर मंत्रालय के विभिन्न शाखाओं एवं मंत्रियों सहित केंद्रीय विभाग में विभिन्न व्यक्तियों द्वारा किया गया है। अवैध उत्खनन एवं भंडारण के मामले सामने आने से सक्ती जिला बदनामी की मार झेल रहा है वही बेबस अफसरों के द्वारा खनिज माफियाओं के सामने नकमस्तक होना मजबूरी हो गई है। लगातार जिले की खनिज भ्रष्टाचार पर बदनामी होने से जिले के जनमानस में रोष व्याप्त हो रहा है वहीं आगामी दिनों में आंदोलन की सुगबुगाहट से भी इनकार नहीं किया जा सकता।