लोकसभा चुनाव में भाजपा के बूथ प्रभारी एवं एजेंट का पैसा डकार गए जिम्मेदार पार्टी पदाधिकारी जिलाध्यक्ष को फोन करने के बावजूद नही दिखाई जिम्मेदारी

लोकसभा चुनाव में भाजपा के बूथ प्रभारी एवं एजेंट का पैसा डकार गए जिम्मेदार पार्टी पदाधिकारी

जिलाध्यक्ष को फोन करने के बावजूद नही दिखाई जिम्मेदारी


     लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी के संगठन ने अपने कार्यकर्ताओं को देश के प्रगति पर अपनी जिम्मेदारी बताते हुए पार्टी के प्रति समर्पण जगाने का विभिन्न माध्यमों से प्रयास किया । कार्यकर्ताओं को लगातार फोन कॉल के माध्यम से सक्रिय रखना वही मैसेज के माध्यम से एवं सोशल मीडिया के माध्यम से जोड़ा गया , जहां भी जरूरत पड़ी हर प्रकार से निचले स्तर तक अर्थात पन्ना प्रमुख तक को एक्टिव रखा गया। छत्तीसगढ लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में पार्टी ने कार्यकर्ताओं को अपने पार्टी के बड़े नेताओ के माध्यम से स्वेक्षा राशि भी प्रदान किया गया । अब खेल यहीं से शुरू होता है, मामला है जांजगीर लोकसभा के अकलतरा क्षेत्र के एक गांव का :- सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार अकलतरा क्षेत्र के एक गांव में भाजपा के नेताओ द्वारा चुनाव उस गांव के तथाकथित भाजपा पदाधिकारी को कुछ राशि दिया गया जिसमे बूथ अध्यक्ष एवं दो बूथ एजेंट का खर्च शामिल था परंतु  तथाकथित भाजपा पदाधिकारी ने पूरे गांव में अनेको भाजपा कार्यकर्ताओं को छोड़कर अपने बेटे को बूथ अध्यक्ष बनवा लिया वही जब बूथ एजेंट की बात आई तो अपने ही परिवार के एक सदस्य को एजेंट भी बना दिया और दूसरे एजेंट का पैसा भी खा गया । मामले की जानकारी जब भाजपा जिलाध्यक्ष को फोन के माध्यम से दिया गया तो उन्होंने देखता हुं कहकर निष्क्रियता दिखाई । अब बात आती है भाजपा के विचारधारा की जिसमे भारतीय जनता पार्टी हमेशा से परिवारवाद पर कुठाराघात की बाते करती है वही एक जिलाध्यक्ष के अंतिम छोर के व्यक्ति तो छोड़िए अपने बूथ एजेंट की राशि को ही दिलाने में रुचि नहीं रखे तो आगे कार्यकर्ताओं का क्या होगा ? क्या जनमानस में आगे चलकर भाजपा ऐसे मामले में संज्ञान लेगी या उनके तथाकथित पदाधिकारी ही कर्मठ कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराएंगे।

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