देवरीखुर्द, 19 अक्टूबर: स्थानीय पार्षद लक्ष्मी यादव पर लगातार अवैध कब्जे की मिल रही शिकायतों के बाद शुक्रवार को राजस्व अमला कार्यवाही करने देवरीखुर्द स्थित सतबहिनिया मंदिर की जमीन पर पहुंचा और मौका मुआयना किया। जांच के दौरान सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की पुष्टि हुई है। बता दें कि स्थानीय चन्द्र शेखर आजाद नगर वार्ड क्रमांक 42 के लोग लगातार इस पर कब्जे की शिकायतें कर रहे। थे।मगर निगम प्रशासन ने अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की है
वार्ड वासियों और सतबहिनिया दाई मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी के हस्ताक्षेप करने के बाद अब नगर निगम और राजस्व अमले ने कार्यवाही आगे बढ़ाई है जबकि मामले की शिकायत पिछले 1 साल से लगातार की जा रही है। राजस्व विभाग ने कार्यवाही के लिए पार्षद लक्ष्मी यादव समेत मंदिर समिति के सदस्य , स्थानीय नागरिक और नगर निगम को नोटिस जारी कर स्थल निरीक्षण में उपस्थित रहने का समय दिया था
इसके बाद शुक्रवार को राजस्व अमला मौके पर कार्यवाही के लिए पहुंचा
गौर करने वाली बात यह है कि कार्यवाही के दौरान अवैध कब्जाधारी बड़ी संख्या में मौके पर डटे रहे लेकिन विभागीय कार्यवाही के डर से किसी ने अपना नाम उजागर करने की जहमत नहीं उठाई यू कहे की उनके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी । राजस्व अधिकारियों के मुताबिक, जांच में स्पष्ट रूप से इस बात की पुष्टि हुई है कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया जा रहा है।
इधर महिला एवं बाल विकास की एक कर्मचारी द्वारा इस बात की जानकारी दी गई कि एक हिस्सा में जो आंगन बाड़ी के पीछे है उस पर कब्जा कर रही थी , इस मामले में महिला एवं बाल विकास जल्द ही उक्त महिला कर्मचारी के विरुद्ध कठोर कार्यवाही कर सकता है। वही
दूसरे हिस्से में अनीता मार्को जिसे न्यायालय का स्थगन आदेश प्राप्त है जो 10 वर्षों से मकान बना कर रही है जिसे पंचायत द्वारा पट्टा भी दिया गया था आगे 4 ब्लॉक में नए कब्जे किए जा रहे थे जिसकी शिकायत लगातार की जा रही थी ।
इस मामले में मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों और स्थानीय नागरिकों का कहना है कि पिछले कई महीनों से इस जमीन पर अतिक्रमण हो रहा था और उन्होंने कई बार प्रशासन से इसकी शिकायत की थी। मंदिर ट्रस्ट के सचिव सुभाष जायसवाल ने बताया कि, "हमने बार-बार प्रशासन को शिकायत की, लेकिन कार्रवाई में देरी होती रही। अब जाकर राजस्व अमला मौके पर आया है, और हमें उम्मीद है कि न्याय मिलेगा।"
मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष राजू कश्यप ने बताया कि मंदिर की जमीन पर भाजपा शासन काल में कब्जा करना बहुत ही निंदनीय है सरकार हमें न्याय दे जब पार्षद ही कब्जे में शामिल हो तो जनता अपनी गुहार कहा लगाए।
राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरकारी रिकॉर्ड में यह भूमि स्वच्छता उपयोग हेतु दर्ज है और किसी भी प्रकार का निजी कब्जा अवैध है। अब पंचनामा की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि यदि आवश्यक हुआ तो अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी।
आखिर नेताजी को किसका संरक्षण
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कब्जाधारियों को निगम की एक पदाधिकारी का संरक्षण प्राप्त है जो सत्ता पक्ष से भी जुड़ा हुआ है ऐसे मैं इस पूरे मामले को लेकर कहीं ना कहीं सत्ताधारी दल भी सवालों के घेरे में है की आखिर एक धार्मिक ट्रस्ट की जमीन पर कब्जा किया रहा है।
पीछे कब्जा और सामने कब्जा न करने का नोटिस।
इस पूरे कब्जे और घटनाक्रम में एक बात पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है मौके पर निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने पाया कि जी शासकीय भूमि पर अवैध निर्माण और कब्जा किया गया है उसके ठीक सामने पार्षद का नोटिस बोर्ड भी लगा है जिस पर लिखा है सरकारी भूमि पर कब्जा ना करें।
इस पूरे वाक्ये में यह नोटिस बोर्ड पढ़कर लोग ठहाके लगा रहे हैं