बिलासपुर। मस्तूरी विधानसभा के संयोजक और भाजपा प्रदेश सह कोषाध्यक्ष (कि मो) बी पी सिंह की छवि खराब करने के प्रयास में चार लोगों के खिलाफ तोरवा पुलिस ने कार्यवाही की है। आरोप है कि बिज्जू राव उर्फ के प्रसाद राव और उसके तीन साथियों दिलहरन निषाद, रतन यादव, नसीब निषाद ने झूठी शिकायत के जरिए बी पी सिंह के खिलाफ षड्यंत्र रचने की कोशिश की, जिससे उनकी और भारतीय जनता पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचे।
बी पी सिंह ने मामले में न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हुए चारों आरोपियों को 1 करोड़ रुपये के मानहानि का नोटिस भेजा है। साथ ही, उन्होंने अपराधिक मानहानि मामले में तोरवा पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच करते हुए चारों आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए थाने में तलब किया ।
मामला कैसे आया सामने
सूत्रों के अनुसार, बिज्जू राव, दिलहरन निषाद, रतन यादव, नसीब निषाद द्वारा बी पी सिंह के खिलाफ एक झूठी शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें भूमि विवाद में उनका नाम जोड़कर अपराधिक राजनीतिक षड्यंत्र रचा गया। जांच में पाया गया कि उपरोक्त चारों ने बी पी सिंह की छवि को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया था। जांच के बाद बिज्जू राव इस मामले का मास्टरमाइंड निकला पिछले निकाय चुनाव में भी वो पार्टी विरोधी कार्यों में संलिप्त रह चुका है जिसकी शिकायत संगठन द्वारा की गई थी
राजनीतिक असफलता के चलते रची साजिश
बताया जा रहा है कि बिज्जू राव को पिछले निगम चुनाव में भाजपा जयराम नगर गतौरा मंडल ने निष्काषन की अनुशंसा किया था क्योंकि उसने पार्टी से गद्दारी कर निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन किया था। इसके बाद हाल ही में हुए विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने उनसे दूरी बनाए रखी, जिससे राजनीतिक तौर पर असफल रहने की नाराजगी में राव ने यह साजिश रची।
अल सुबह पुलिस ने की कार्यवाही !
शिकायत के बाद तोरवा पुलिस ने तड़के कार्यवाही की तोरवा पुलिस सुबह ही मामले में आरोपी बिज्जू राव, नसीब निषाद, दिलहरन निषाद, रतन लाल यादव को थाने बुलाया और सभी का बयान दर्ज कर कार्यवाही की
सूत्रों के मुताबिक इस दौरान छूटभैया नेता को बचाने वार्ड के एक नेता भी सुबह से थाने का चक्कर काटते रहे , मगर पुलिसिया कार्यवाही के सामने कोई भी नेतागिरी नहीं चली।
मानहानि का मुकदमा होगा दर्ज
बी पी सिंह की ओर से कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दाखिल किया गया है, जिसकी जल्द ही सुनवाई की संभावना है। यदि मानहानि का मुकदमा स्वीकार होता है, तो चारों आरोपियों को मिलकर 1 करोड़ रुपये का भुगतान और या 2 वर्ष की जेल की सजा भुगतनी पड़ सकती है ।
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